Sunday, March 31, 2013

गुरुवर दो वरदान

गुरुवर दो वरदान 

गुरुवर  दो वरदान 
मेरे होटों से न कभी जाय मुस्कान ,
मुस्कराता रहूँ हर हाल मैं ,
सुख हो या दुःख मेरे मन मैं ,
हे यही प्रार्थना रहे मुस्कान 
मेरे होटों मैं 
दिल का दुःख बाहर न दीखे 
हर वक्त प्रसन्नता चहरे पर रहे ,
हे प्रारथना मदन गोपाल की 
मेरे गुरुवर 
मुस्कान भरा चहरा ,
हमेशा झुकता रहे 
आपके चरणों मैं !



Labels: