Wednesday, September 9, 2009

शिक्षा P



शिक्षा
लोभ श्रद्धा का करो ,
लोभ प्रेम का करो ,
करना है लोभ तो प्रभु के नाम का करो ,
क्रोध दुष्ट पर करो ,
मगर क्रोध में पागल न हों ,
अहंकार करना हे तो करो ,
की में राजा का बेटा हूँ ,
प्रभु मेरा राजा हे ,
में उसका पुत्र हूँ ,
इर्षा भी करो उससे जो ,
निकल गया आगे तुमसे ,
उसको नीचे गिराने की नहीं ,
बलकि अपने को आगे बढाने के लिए ,
कहे मदन गोपाल चिंता भी कर ,
पर ऐसी चिंता की नाम ,
क्यों नहीं लिया प्रभु का !

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