दुनियाँ में चाहे कोई
"जंगल का राजा सिंह सबसे ज्यादा पराक्रमी, बलशाली और शक्तिशाली होता हें । इतना सामर्थ्यवान होने के बाद भी
उसके मुख में शिकार अपने आप आकर नहीं गिरता। उसे भी उठकर परिश्रम करना पड़ता हें ।
दुनियाँ में चाहे कोई कितना भी समर्थ हें या असमर्थ हें, निर्बल या बलशाली हें, हर एक को परिश्रम करना पड़ेगा,
अगर वह सफलता प्राप्त करना चाहता हें"।
उसके मुख में शिकार अपने आप आकर नहीं गिरता। उसे भी उठकर परिश्रम करना पड़ता हें ।
दुनियाँ में चाहे कोई कितना भी समर्थ हें या असमर्थ हें, निर्बल या बलशाली हें, हर एक को परिश्रम करना पड़ेगा,
अगर वह सफलता प्राप्त करना चाहता हें"।