Tuesday, January 5, 2016

जब भी बोलो

जब भी बोलो यह सोचो कि यह आखिरी वचन है, इसलिए सदैव मीठा बोलो।


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

जीवन में पुरुषार्थ

जिज्ञासु : गुरुदेव ! जीवन में पुरुषार्थ को महत्व दें या प्रारब्ध को ,अथवा इन दौनो से बढ़कर भी कुछ और हे ?

please visit