Sunday, October 21, 2007

गुरू चरणों में शीश P

गुरू चरणों में शीश झुके ,
ऐसी कृपा करो प्रभूजी !
में बालक अज्ञानी ,नादाँ ,
न जानूँ सेवा विधान !!
ऐसी कृपा करो प्रभुजी जग जाए ।
भक्ति का ज्ञान ,
गुरू चरणों में शीश झुके ,
और मिट जाए सारा अज्ञान !!
ज्ञान का दीपक जल जाए ,
और मिट जाए अज्ञान !
कहे मदन गोपाल ऐसी कृपा करो प्रभु ।
गुरू चरणों से कभी न हटे ध्यान !!
१९-१२-०५

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प्रभूजी दीनदयाला P

प्रभूजी दीनदयाला ,तू तो है मेरा रखवाला !
मेरा पालन हारा ,प्रभूजी दीनदयाला !!
तुझको में निस दिन शीस नवाता !
प्रभूजी मेरा दीनदयाला !!
में तो हूँ तेरा बालक भोला भाला !
नहीं मुझ को कुच्छ आता ,
प्रभूजी दीनदयाला !!
दिनरात में गुण तेरे गाता ,
प्रभूजी दीनदयाला !
मुझे नहीं कुच्छ तेरे सिवा भाता ,
मेरा प्रभू दीनदयाला !!
सूरज चाँद वही है चमकाता ,कहे मदन गोपाल
प्रभूजी मेरा दीनदयाला
१४-३-२००४

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