Wednesday, April 29, 2015

श्रेष्ठ गुण है




मन में सेवा भाव रखना मानव-जीवन का श्रेष्ठ गुण है। सेवा का मार्ग हमेशा पुष्पों से सुसज्जित नहीं होता बल्कि सेवा के मार्ग में कांटे भी मिलते हैं। सेवा ऐसा अध्यात्मिक गुण है जिसके द्वारा व्यक्ति शत्रु को भी मित्र बना लेता है।