Saturday, May 17, 2014

chiti ilaychi


इलायची -                     इलायची दो प्रकार की होती है-छोटी और बड़ी | आज हम आपको छोटी इलायची के विषय में जानकारी देंगे, इसे हम संस्कृत में एला भी कहते हैं | यह हमारे देश तथा इसके आस पास के गर्म देशों में अधिक मात्रा में पायी जाती है | इसके पेड़ हल्दी के पेड़ के सामान होते हैं | इलायची स्वादिष्ट होती है और आमतौर पर इसका प्रयोग खाने के पदार्थों में किया जाता है | छोटी इलायची खाने में शीतल होती है और इसका अधिक मात्रा में उपयोग आँतों के लिए हानिकारक होता है | इसका सेवन १-३ ग्राम की मात्रा में किया जा सकता है | यह कफ ,खांसी ,श्वास व बवासीर नाशक है और ह्रदय एवं गले की मलिनता को दूर करती है | इसे खाने से मुख की दुर्गन्ध दूर होती है और जी मिचलाना बंद हो जाता है | इलायची का प्रयोग हम विभिन्न रोगों के उपचार के लिए कर सकते हैं -    १- लगभग १० ग्राम इलायची को १ लीटर पानी में डालकर पकाएं ,जब एक चौथाई (२५० ग्राम ) शेष रह जाए तब उसे उतारकर ठंडा कर लें | इस पानी को थड़ी -थोड़ी देर में घूँट -घूँट करके पीने से,हैजा व मूत्रावरोध  रोगों में लाभ होता है |     २- छोटी इलायची के दानों को तवे पर भून कर पीस लें | इस चूर्ण को शहद या देसी घी में मिलाकर सुबह -शाम चाटने से खांसी में लाभ होता है |     ३- दिन में कई बार इलायची चबाने से मुँह की दुर्गन्ध व सांस की बदबू ख़त्म होती है |     ४- इलायची को पानी के साथ पीसकर सिर पर लेप की तरह लगाने से सिर दर्द दूर हो जाता है |     ५- इलायची ,काली मिर्च ,दालचीनी ,धनिया और सौंठ को बराबर मात्रा में लेकर इनको दरदरा पीस लें | इस चूर्ण की दो चम्मच लेकर २५० मिलीलीटर पानी में पकाएं | जब पानी आधा रह जाए तो छानकर गुनगुना पिलायें | इससे तेज़ जुकाम दूर हो जाता है |     ६- छोटी इलायची को पीस लें | इस चूर्ण को शहद के साथ थोड़ा -थोड़ा चाटने से पेशाब की जलन शांत होती है |

इलायची -
इलायची दो प्रकार की होती है-छोटी और बड़ी | आज हम आपको छोटी इलायची के विषय में जानकारी देंगे, इसे हम संस्कृत में एला भी कहते हैं | यह हमारे देश तथा इसके आस पास के गर्म देशों में अधिक मात्रा में पायी जाती है | इसके पेड़ हल्दी के पेड़ के सामान होते हैं | इलायची स्वादिष्ट होती है और आमतौर पर इसका प्रयोग खाने के पदार्थों में किया जाता है | छोटी इलायची खाने में शीतल होती है और इसका अधिक मात्रा में उपयोग आँतों के लिए हानिकारक होता है | इसका सेवन १-३ ग्राम की मात्रा में किया जा सकता है | यह कफ ,खांसी ,श्वास व बवासीर नाशक है और ह्रदय एवं गले की मलिनता को दूर करती है | इसे खाने से मुख की दुर्गन्ध दूर होती है और जी मिचलाना बंद हो जाता है | इलायची का प्रयोग हम विभिन्न रोगों के उपचार के लिए कर सकते हैं -
१- लगभग १० ग्राम इलायची को १ लीटर पानी में डालकर पकाएं ,जब एक चौथाई (२५० ग्राम ) शेष रह जाए तब उसे उतारकर ठंडा कर लें | इस पानी को थड़ी -थोड़ी देर में घूँट -घूँट करके पीने से,हैजा व मूत्रावरोध रोगों में लाभ होता है |
२- छोटी इलायची के दानों को तवे पर भून कर पीस लें | इस चूर्ण को शहद या देसी घी में मिलाकर सुबह -शाम चाटने से खांसी में लाभ होता है |
३- दिन में कई बार इलायची चबाने से मुँह की दुर्गन्ध व सांस की बदबू ख़त्म होती है |
४- इलायची को पानी के साथ पीसकर सिर पर लेप की तरह लगाने से सिर दर्द दूर हो जाता है |
५- इलायची ,काली मिर्च ,दालचीनी ,धनिया और सौंठ को बराबर मात्रा में लेकर इनको दरदरा पीस लें | इस चूर्ण की दो चम्मच लेकर २५० मिलीलीटर पानी में पकाएं | जब पानी आधा रह जाए तो छानकर गुनगुना पिलायें | इससे तेज़ जुकाम दूर हो जाता है |
६- छोटी इलायची को पीस लें | इस चूर्ण को शहद के साथ थोड़ा -थोड़ा चाटने से पेशाब की जलन शांत होती है |

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