Sunday, November 27, 2011

गीता---सार -१

गीता---सार -१ 
१-क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो ? किससे डरते हो ? कौन तुम्हें मार सकता हे ? आत्मा न पैदा होती ,न मरती है !
२-जो हुआ ,वह अच्छा हुआ ,जो हो रहा है ,वह अच्छा ही हो रहा है , जो होगा , वह भी अच्छा ही होगा !तुम भूत क़ा पशचाताप न करो ! भविष्य की चिंता न करो ! वर्त्तमान चल रहा है !

आज का जीवन सूत्र-२७-११-२०११






आज का जीवन सूत्र-२७-११-२०११
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भगवान ने मनुष्य को सबकुछ देकर भी शान्ति अपने पास रख ली ! इसलिए जब व्यक्ति अशांत होता है तो शान्ति पाने के लिए भगवान् की शरण में जाता है !
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज





आज का विचार - 27/11/11






कुछ भी हो इस बात का ध्यान रखना कि अपने अन्दर निराशा के विचार नहीं आने देना।
 
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

Regardless of what happens in your life, try not to let thoughts of despair enter into your mind.
 
 
Translated by Humble Devotee
Praveen Verma