Saturday, November 26, 2011

जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव ! दु:ख-दर्द ,कष्ट-क्लेश एवं विपत्तियॉ




परम पूज्य सुधांशुजी महाराज



जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव ! दु:ख-दर्द ,कष्ट-क्लेश एवं विपत्तियॉ का मूल कारण क्या है ? इनसे हमारी मुक्ति कैसे हो सकती है ?
 महाराजश्री:-दु:ख,दर्द । क्लेश , विपत्ति, व्यथा सब अज्ञान के कारण हैं ! अन्धकार से प्रकाश की ओर चलो ,मृत्यु से अमृत की ओर चलो !ईश्वर प्रेमरूप है , प्रेम की उपासना करो !दूसरों को मत देखिए कि कोई हमें पार करवा देगा !आत्मा का आत्मा से ही उद्धार कीजिए !अपना कल्याण आप ही करिये ! अपने हृदय को विशाल , उदार-उच्च और महान बना दीजिए !सब काम वैसे ही कीजिए जैसे संसार में रहने वाला व्यक्ति करता हे ! अपने चिन्तन के दृष्टिकोंण को थोडा सा विकसित कर दीजिए,कि संसार की वस्तुये आपकी वस्तु नहीं हैं ! बस आप इन क्लेशों से मुक्त हो जायेंगे ! 



आज का जीवन सूत्र-२६-११-२०११






आज का जीवन सूत्र-२६-११-२०११
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भगवान ने मनुष्य को सबकुछ देकर भी शान्ति अपने पास रख ली ! इसलिए जब व्यक्ति अशांत होता है तो शान्ति पाने के लिए भगवान् की शरण में जाता है !
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज





आज का विचार - 26/11/11






जीवन के किसी दुःख या ठोकर से इंसान सबक ले ले तो वह ठोकर ठोकर नहीं होती। वह तो आपके लिए एक सीख बन जाती है।
 

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज



If we learn a lesson from failure, then that failure is not a failure, but a learning opportunity.



Translated by Humble Devotee
Praveen Verma