गुरुवर दो वरदान
गुरुवर दो वरदान
गुरुवर दो वरदान
मेरे होटों से न कभी जाय मुस्कान ,
मुस्कराता रहूँ हर हाल मैं ,
सुख हो या दुःख मेरे मन मैं ,
हे यही प्रार्थना रहे मुस्कान
मेरे होटों मैं
दिल का दुःख बाहर न दीखे
हर वक्त प्रसन्नता चहरे पर रहे ,
हे प्रारथना मदन गोपाल की
मेरे गुरुवर
मुस्कान भरा चहरा ,
हमेशा झुकता रहे
आपके चरणों मैं !
गुरुवर दो वरदान
मेरे होटों से न कभी जाय मुस्कान ,
मुस्कराता रहूँ हर हाल मैं ,
सुख हो या दुःख मेरे मन मैं ,
हे यही प्रार्थना रहे मुस्कान
मेरे होटों मैं
दिल का दुःख बाहर न दीखे
हर वक्त प्रसन्नता चहरे पर रहे ,
हे प्रारथना मदन गोपाल की
मेरे गुरुवर
मुस्कान भरा चहरा ,
हमेशा झुकता रहे
आपके चरणों मैं !
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