झूंट और सच P
- सच और झूंट के बीच होता है ,
एक पतला सा विशवास का धागा !
गर विश्वास डगमगाया ,
और विश्वास हटा ,
तो प्रेम में चटख आ जायगी ,
कहे मदन गोपाल फिर जुड़ेगी नहीं वह
दरार न झूंट से न सच से !
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YEH KAVITAON KA SANGRAH ADARNIYA GURUJI SHREE SUDHANSHUJI MAHARAJ KE CHARNO MEN SAMARPIT
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