सब का दाता P
प्रभु तू सब का दाता ,
मगर मेरे को क्यों रुलाता !
न मंगू में मोतिन की माला ,
देदे अपने नाम की माला !
जपूँ तुझे दिन रात ,
तो बन जाए कुच्छ बात !
ग़लत करूं तो देदे मुक्का दो लात ,
बोलूं न कभी कड़वी बात !
यह प्रार्थना हे मदन गोपाल की ,
करूं तेरा गुनगान दिन रात !
१-४-०६
मगर मेरे को क्यों रुलाता !
न मंगू में मोतिन की माला ,
देदे अपने नाम की माला !
जपूँ तुझे दिन रात ,
तो बन जाए कुच्छ बात !
ग़लत करूं तो देदे मुक्का दो लात ,
बोलूं न कभी कड़वी बात !
यह प्रार्थना हे मदन गोपाल की ,
करूं तेरा गुनगान दिन रात !
१-४-०६
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