मेरे पालनहार P
औ मेरे पालनहार ,
तेरी मया हे अपरमपार !
इतने बनाये तू ने बन्दे ,
मगर शकल नही मिलती ,
शकल एक दुसरे से !
क्या बनाया हे बन्दा ,
चलता फिरता ,
करने वाला सब तरह
का धंदा !
झूट बोलता हे ,पाप करता हे ,
लेकर नही आया था कुछ भी ,
पर अब सब अपना ही समझता हे !
अगर बस चले तो,
ले जाए बाँध कर सब ,
इस तरह की न दीखे किसी को
उस की चोरी !
कहे मदन गोपाल खुश हो इसतरह
दे कर धोका संसार को !
१-९-०४
तेरी मया हे अपरमपार !
इतने बनाये तू ने बन्दे ,
मगर शकल नही मिलती ,
शकल एक दुसरे से !
क्या बनाया हे बन्दा ,
चलता फिरता ,
करने वाला सब तरह
का धंदा !
झूट बोलता हे ,पाप करता हे ,
लेकर नही आया था कुछ भी ,
पर अब सब अपना ही समझता हे !
अगर बस चले तो,
ले जाए बाँध कर सब ,
इस तरह की न दीखे किसी को
उस की चोरी !
कहे मदन गोपाल खुश हो इसतरह
दे कर धोका संसार को !
१-९-०४
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