जिंदगी का बोझ P
जिंदगी का बोझ हंस कर उठाना चाहिय ,
राह की मुसीबतों पे मुसकराना चाहिए !
हंस हंस कर चलता जायगा ,
टू अंधेरे में भी रास्ता बन जायगा !
रो कर चलेगा बन्दे तो ,
रास्ता कठिन हो जायगा !
कहे मदन गोपाल न पहुंच पायगा मंजिल तक ,
बीच में ही थक कर बैठ जायेगा !
२३-०४-06
राह की मुसीबतों पे मुसकराना चाहिए !
हंस हंस कर चलता जायगा ,
टू अंधेरे में भी रास्ता बन जायगा !
रो कर चलेगा बन्दे तो ,
रास्ता कठिन हो जायगा !
कहे मदन गोपाल न पहुंच पायगा मंजिल तक ,
बीच में ही थक कर बैठ जायेगा !
२३-०४-06
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