Monday, September 7, 2009

शिवजी P

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शिवजी
मेरी आँखों में बस गए शिवजी ,
में ने आँखें कर ली बंद
हो गए कैद आँखों में शिवजी ,
न जाने दुंगा उन कोअब बाहर ,
कर दो ऐसी कृपा रहोगे अब ,
अंखियों के अन्दर ,
न जाने देंगी पलकें अब ,
उनको बाहर ,
हें खुश मदन गोपाल ,
कि अंखियों में बस गए शिवजी !

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