Sunday, August 23, 2009

इंसान P



  • इंसान तो कठपुतली है ,

  • उसकी डोरी भगवान् के हाथ है ,

  • जैसा नचाना चाहे नचाता है ,

  • इंसान के बस मैं कुछ भी नंही ,

  • जो करता है वह करता है ,

  • फिर भी इंसान यह समझता है ,

  • सब उसी ने किया है ,

  • कहे मदन गोपाल ,

  • सब छोड़ दे उस पर ,

  • और हंसते हंसते गुजार दे ,

  • जिंदगी अपनी !

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