Monday, August 24, 2009

जन्मदाता P

  • मेरे दाता ओ ,ओ मेरे निर्माता ,
  • ओ मेरे जन्मदाता ,
  • तू ही है तू ही है इस जगत का निर्माता ,
  • इस जग का विधाता ,
  • जो तेरी शरण में आता ,
  • उस का जीवन संभल जाता ,
  • आते ही शरण में तेरी ,
  • मिट जाती हे सारी उदासी ,
  • मन निर्मल हो जाता हे ,
  • और मन को चेन मिल जाता हे ,
  • कहे मदन गोपाल तेरी दुनिया हे निराली ,
  • बनाते समय तू ने क्या कारीगरी दिखाई !

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1 Comments:

Blogger परमजीत सिहँ बाली said...

सही लिखा।उसकी कारीगरी की तुलना किसी से नही की जा सकती।

August 25, 2009 at 1:28 AM  

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