जन्मदाता P
- ओ मेरे दाता ओ ,ओ मेरे निर्माता ,
- ओ मेरे जन्मदाता ,
- तू ही है तू ही है इस जगत का निर्माता ,
- इस जग का विधाता ,
- जो तेरी शरण में आता ,
- उस का जीवन संभल जाता ,
- आते ही शरण में तेरी ,
- मिट जाती हे सारी उदासी ,
- मन निर्मल हो जाता हे ,
- और मन को चेन मिल जाता हे ,
- कहे मदन गोपाल तेरी दुनिया हे निराली ,
- बनाते समय तू ने क्या कारीगरी दिखाई !
Labels: जन्मदाता
1 Comments:
सही लिखा।उसकी कारीगरी की तुलना किसी से नही की जा सकती।
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