पिंजरा P
पिंजरा
सुन भाई पिंजरा पुराना हो गया ,
इस पिंजरे के नौ द्वारे दसवां ठाकुरद्वारा ,
उड़ गया हंस पिंजरा खाली .
बोलन वाला निकल गया ,
सुन भाई पिंजरा ......,
पंछी उड़ गया छोड़ गया जो जोड़ा था ,
रिश्तेदार सब रह गए रोते ,
पंछी उड़ फुर हुआ ,
सुन भाई पिंजरा ......,
कहे मदन गोपाल ,
पंछी उड़ने से पहले ,
प्रभू से लौ लगा ले बन्दे ,
छोड़ दे अपने काले धंदे !
Labels: पिंजरा
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home