हे भोले नाथ
] हे भोले नाथ
हे भोले नाथ कर दो वरषा प्रेम की,
ताकि में नहा सकूँ उस बारिश में ,
हे भोले नाथ कर दो वर्षा करुना की,
दुख कभी कह कर नहीं आता,
सुख भी कभी कह कर नहीं आता,
इसलिए दुख में दुखी न होऊँ ,
और सुख में खुश न होऊँ ,
हे य्ह प्रार्थना मदन गोपाल की
हे भोले नाथ कर दो वर्षा प्रेम की!
ताकि में नहा सकूँ उस बारिश में ,
हे भोले नाथ कर दो वर्षा करुना की,
दुख कभी कह कर नहीं आता,
सुख भी कभी कह कर नहीं आता,
इसलिए दुख में दुखी न होऊँ ,
और सुख में खुश न होऊँ ,
हे य्ह प्रार्थना मदन गोपाल की
हे भोले नाथ कर दो वर्षा प्रेम की!
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