भगवान् के घडे P
- प्रभु कहाँ छुपा रखे हैं तुम ने घडे ,
- जिन में भरा रहता है पानी ,
- जब जी चाहता है उलटा कर देते हो ,
- गिरता है बूंद बूंद पानी ,
- यह पता नहीं चलता की ये ,
- तुम्हारा गुस्सा है या है महरबानी,
- मदन गोपाल की है यह विनती ,
- सदा महरबानी ही रखना ,
- न करना गुस्सा कभी !
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