चाह चाह P
जहरीली चाह क्यों पीता है ,
भगवान् के नाम की चाह पी !
इस चाह को पीकर तू धन्य हो जायगा ,
अगर बनाना हे धन्य ,तो उस के नाम की चाह पी !
उस चाह में प्रेम की चीनी डाल,
चाह की पत्तियों की जगह ,
अपने अन्दर के अच्छे विचार डाल ,
दूध की जगह अपने अच्छे कर्म डाल
और पीजा उस चाह को
तेरे सब खोट बाहर आजायंगे
तेरे अन्दर का मेल साफ हो जायगा
भगवान् के ऊपर जो गर्दा जमा है
वह छ्ट जायगा
कहे मदन गोपाल
यह चाह तुझ को भगवान् के दर्शन करायगी !
१६-१२-२००६
भगवान् के नाम की चाह पी !
इस चाह को पीकर तू धन्य हो जायगा ,
अगर बनाना हे धन्य ,तो उस के नाम की चाह पी !
उस चाह में प्रेम की चीनी डाल,
चाह की पत्तियों की जगह ,
अपने अन्दर के अच्छे विचार डाल ,
दूध की जगह अपने अच्छे कर्म डाल
और पीजा उस चाह को
तेरे सब खोट बाहर आजायंगे
तेरे अन्दर का मेल साफ हो जायगा
भगवान् के ऊपर जो गर्दा जमा है
वह छ्ट जायगा
कहे मदन गोपाल
यह चाह तुझ को भगवान् के दर्शन करायगी !
१६-१२-२००६
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