Sunday, February 16, 2014

भगवन की माया

भगवन की माया 
तेरी माया है निराली ,
तेरी लीला है निराली ,
क्या पैकिंग है तेरी ,
खारे पानी के किनरे  पर,
ऊंचा पेड़ उगाया उस मैं ,
नारियल लट्काया ,
जिस मैं पानी ऊपर चढ़ाया ,
पानी को मीठा बनाया ,
उस को पैक किया ,
पहले जूट फिर कडा पैक ,
अंदर गोला बनाया ,
और भर दिया पानी 
यह सब देख कर ,
अचम्भे से कहे ,
कहे मदन गोपाल ,
तेरी माया है निराली 
तेरी लीला है निराली !

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