आदमी की द्रष्टी दो
- Visit Daily BLOGS For MORE POSTINGSपरम पूज्य सुधांशुजी महाराज
मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम्
- आदमी की द्रष्टी दो तरह की होती है , एक बस कमी देखता है की उस के पास नहीं है , और दुखी होता है ,दूसरा एक तिनके पर भी खुश है ,जो है उसी में खुश रहता हे तो वह निराशा में नहीं जीता
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