जो स्वंय अच्छा
* जो स्वंय अच्छा नहीं कर सकते वे दूसरों की आलोचना करते रहते हैं। लेकिन जो स्वंय करने में सक्षम हैं वे तो स्वंय करके आदर्श स्थापित करते हैं ।
YEH KAVITAON KA SANGRAH ADARNIYA GURUJI SHREE SUDHANSHUJI MAHARAJ KE CHARNO MEN SAMARPIT
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home