Tuesday, January 7, 2014

Fwd: [Vardanlok Ashram (Mumbai)] जय गुरु देव ,



Thakur Devendar Singh
जय गुरु देव ,
तेरी याद के सिवाय कुछ याद नहीं ,तेरे नाम के सिवाय कुछ भी रास नहीं |
सब कुछ जहां में तेरा ही है, तुझ से ही है, यहाँ मैं-मेरे किसी का कुछ नहीं ||
तू ही सब कुछ मेरा तेरे से ही सब नाते,अब मुझे खुद से नहीं तेरे ही नाम से जानते |
खुद से ज्यादा अब तेरा ही भरोसा ,मेरी ही तेरी लाज़,तू ही मंजिल और आगे कुछ नहीं जानते ||
सौंप दिया खुद सब कुछ चरणों में तेरे,जैसे चाहे रखना तेरी मर्जी में ही है अब मेरे मर्जी |
दया है मुझ दीन पर यह खुशकिस्मत है मेरी,हर सांस पर तेरा ही नाम हो ऐसी अर्जी है मेरी ||



0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home